नोबेल पुरस्कार शांति , साहित्य , भौतिकी , रसायन , चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिया दिया जाने वाला विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार है ।
नोबेल पुरस्कार की स्थापना 1901 में की गयी और इसे हर साल दिया जाता है ।
नोबेल पुरस्कार किसकी याद में दिया जाता है ?
नोबेल पुरस्कार स्वीडिश आविष्कारक और उद्यमी अल्फ्रेड नोबेल की याद में हर साल दिया जाता है ।
शुरूआत में यह पाँच कैटगरी में दिया जाता था लेकिन 1968 में , स्वेरिजेस रिक्सबैंक ने नोबेल पुरस्कार के संस्थापक अल्फ्रेड नोबेल की याद में अर्थशास्त्र में स्वेरिजेस रिक्सबैंक पुरस्कार की स्थापना की ।
कौन हैं अल्फ्रेड नोबेल जिनके सम्मान में दिया जाता है दुनिया का सबसे बडा अवार्ड ?
अल्फ्रेड नोबेल स्वीडिश आविष्कारक और उद्यमी थे ।
उनका जन्म 1833 में स्वीडन की राजधानी स्टाॅकहोम में हुआ था ।
अल्फ्रेड नोबेल ने 1867 में डाइनामाइट की खोज की ।
अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी पूरी जिंदगी में कुल 355 आविष्कार किये थे लेकिन सबसे ज्यादा नाम और पैसा उन्होंने 1867 में डायनामाइट के आविष्कार से कमाया ।
10 दिसम्बर 1896 नोबेल का दिल का दौरा पडने से इटली में निधन हो गया ।
अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
अल्फ्रेड नोबेल की 1895 की जिस वसीयत के अनुसार 1901 से नोबेल पुरस्कारों की शुरूआत हुई उसमें अर्थशास्त्र के क्षेत्र में योगदान के लिए किसी पुरस्कार की बात नहीं की गयी है ।
लेकिन 1968 में स्वीडन के केन्द्रिय बैंक ने अपनी 300वें स्थापना दिवस पर अल्फ्रेड नोबेल की याद में अर्थशास्त्र के नोबेल को शुरू किया ।
अर्थशास्त्र का पहला नोबेल 1969 में नार्वे के रैगनर एंथोन किटील फ्रिश और नीदरलैंड््स के यान टिरबेरगेन को दिया गया ।
नोबेल पुरस्कारों को कौन देता है ?
भौतिकी , रसायन विज्ञान और अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार राॅयल स्वीडिश एकेडमी आॅफ साइंसेज द्वारा दिया जाता है ।
शरीर विज्ञान या चिकित्सा के लिए नोबेल पुरस्कार करोलिस्का इंस्टीट््यूट द्वारा दिया जाता है ।
साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार स्वीडिश एकेडमी द्वारा दिया जाता है ।
शांति के लिए नोबेल पुरस्कार ओस्लो स्थित नाॅर्वेजियन नोबेल समिति द्वारा दिया जाता है।
नोबेल पुरस्कार के महत्वपूर्ण तथ्य
पहला नोबेल शांति पुस्स्कार 1901 में रेड क्रास के संस्थापक ज्यां हैरी दुनांत और फ्रेंच पीस सोसाइटी के संस्थापक अध्यक्ष फ्रेडरिक पैसी को संयुक्त रूप से दिया गया था ।
शांति के लिए दिये जाने वाला नोबेल पुरस्कार ओस्लो में जबकी बाकि सभी पुरस्कार स्टाॅकहोम में दिये जाते है ।
इनमें से प्रत्येक विजेता को एक स्वर्ण पदक , डिप्लोमा और निश्चित धनराशि दी जाती है ।
हर साल इनाम राशि फिक्स नहीं होती यह नोबेल फाॅउडेशन की आय पर निर्भर करती हैं।
अगर एक पुरस्कार साझा तौर पर दो लोगो को दिया जाता है , तो धनराशि को दोनों में समान रूप से बांट दिया जाता है ।
अब तक केवल दो बार मृृत व्यक्तियों को यह पुरस्कार दिया गया है ।
पहली बार एरिक एक्सल कार्लफेल्ड को 1931 में और दूसरी बार संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव डैग हैमर्सक्योड को 1961 में इससे नवाजा गया लेकिन 1974 में नियम बना दिया कि मरणोपरांत किसी को नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जायेगा ।
सिर्फ अहिंसा की बदौलत भारत को आजादी दिलाने वाले महात्मा गाँधी को कभी शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं मिला हालांकि उन्हें पाँच बार नामांकन मिला ।
नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय – नवरत्न
रवीन्द्र नाथ टैगोर -वर्ष 1913 में साहित्य के क्षेत्र में भारत के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्र नाथ टैगोर को ये उनके कविता संग्रह गीतांजलि के लिए प्रदान किया गया था ।
चन्द्रशेखर वेंकटरमन (सी.वी.रमन) – भारत को वर्ष 1930 में भौतिकी के क्षेत्र में पहला नोबेल पुरस्कार वैज्ञानिक सर चन्द्रशेखर वेंकटरमन को प्रकाश के प्रकीर्णन पर उत्कृृष्ट कार्य के लिए और रमन प्रभाव की खोज के सम्मान में मिला था।
हरगोविन्द खुराना -वर्ष 1968 में हरगोविंद खुराना को प्रोटीन संश्लेषण में अनुवांशिक कोड और इसके कार्य की व्याख्या के लिए चिकित्सा नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
मदर टेरेसा – वर्ष 1979 का नोबेल शांति पुरस्कार मदर टेरेसा को पीड़ित मनुष्यों की मदद करने के लिए प्रदान किया गया था।
सुब्रमण्यम चंद्रशेखर– भारतीय भौतिक विज्ञानी सुब्रमण्यम चंद्रशेखर को वर्ष 1983 में तारों की संरचना और विकास के लिए महत्वपूर्ण भौतिक प्रक्रियाओं के सैद्धांतिक अध्ययन के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
अमत्र्य सेन – वर्ष 1998 में अमत्र्य सेन को कल्याणकारी अर्थशास्त्र में उनके योगदान के लिए पुरस्कृत किया गया था।
वेंकट रामाकृष्णन– भारत के वेंकट रामाकृष्णन को रसायन शास्त्र का पुरस्कार राइबोसोम की संरचना और इस कार्य के अध्ययन के लिए वर्ष 2009 में नोबेल पुरस्कार मिला।
कैलाश सत्यार्थी– भारत के बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी को वर्ष 2014 में बच्चों और युवाओं के दमन के खिलाफ उनके संघर्ष के लिए तथा सभी बच्चों की शिक्षा के अधिकार के लिए दिया गया था । बचपन बचाओ आंदोलन के लिए इन्हीं नोबेल शांति पुरस्कार मिला ।
अभिजीत बैनर्जी– भारतीय अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को 2019 में यह पुरस्कार वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए प्रायोगिक दृष्टिकोण विषय पर विस्तृत शोध के लिए दिया गया था।
नोबेल पुरस्कार 2023
क्षेत्र – फिजियोलॉजी या मेडिसिन
प्राप्तकर्ता–कैटालिन कारिको और डू वीसमैन
योगदान – न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित खोज की जिसने कोविद.19 के खिलाफ प्रभावी डत्छ। टिकों के विकास सक्षम किया।
क्षेत्र – भौतिकी
प्राप्तकर्ता–पियरे एगोस्टिनी , फेरेन्क क्राॅस्ज और ऐनी एल हुइलियर
योगदान -इन्होंने प्रयोगात्मक तरीको के लिए पदार्थ में इलेक्ट्रॉन गतिशीलता के अध्ययन के लिए प्रकाश के एटो सेकंड पल्स को उत्पन्न किया है
इन्होंने प्रकाश की बेहद छोटी पल्स बनाने का एक तरीका प्रदर्शित किया है जिसका उपयोग उन तेज प्रक्रियाओं को मापने के लिए किया जा सकता है जिम इलेक्ट्रॉन चलते हैं या ऊर्जा बदलते हैं।
क्षेत्र -रसायन विज्ञान
प्राप्तकर्ता – मौंगी जी. बावेंडी , लुईस ई. ब्रूस और एलेक्सी आई. एकिमोव
योगदान -इन्हें क्वांटम डॉट्स की खोज और संश्लेषण के लिए वर्ष 2023 के रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार के लिए चुना है।
क्वांटम डॉट्स नैनो टेक्नोलॉजी में सबसे छोटे घटक है जो टेलीविजन और एलइडी लैंप से अपनी रोशनी फैलाते हैं और कई अन्य चीजों के अलावा ट्यूमर ऊतक को हटाते समय सर्जनो का मार्गदर्शन भी कर सकते हैं।
क्षेत्र -साहित्य
प्राप्तकर्ता – जाॅन फाॅसे या जाॅन ओलाव फाॅसे
योगदान -फाॅसे को उनके नवोन्वेषी नाटकों और गद्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया जो अनकही को आवाज देते हैं।
रेड ब्लैक 1983 फाॅसे का पहला उपन्यास आत्महत्या के विषय पर प्रकाश डालता है।
क्षेत्र -शांति
प्राप्तकर्ता – नरगिस मोहम्मदी
योगदान -ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के विरोध सभी के लिए मानवाधिकारों और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने की उनकी लड़ाई के लिए वर्ष 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार देने का फैसला किया है।
क्षेत्र – अर्थशास्त्र
प्राप्तकर्ता – क्लाउडिया गोल्डिन
योगदान –महिलाओं के श्रम बाजार के परिणामो की समझ को आगे बढ़ाने के लिए न्ै। की अर्थशास्त्री क्लाउडिया गोल्डिन को यह पुरस्कार प्रदान किया गया है।
क्लाउडिया गोल्डिन ने सदियों से महिलाओं की कमाई और श्रम बाजार भागीदारी का पहला व्यापक विवरण प्रदान किया।